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Vastu Dosh in Rented House 2

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Vastu Dosh in Rented House 2

किराए का मकान और वास्तु दोष – २

जिस प्रकार हमने कुछ वास्तु के आधारभूत तथ्य के बारे में जाना उसी प्रकार अब थोडा और गहराई से कुछ बातो को समझे. और उन सावधानियो को अगर हम अपने जीवन में थोडा स्थान दे और अमल करते हे तो निश्चित फायदा हो सकता है. कमसेकम नुक्सान तो नहीं होगा.. हमारे कितने ऐसे परिचित हे जो वास्तू तज्ञ की बातो में आकार ढेर सारा रूपया खर्च कर देते हे जिस में से अधिकांश  हिस्सा तो उनकी बड़ी सी फीस में ही चला जाता है. और समय बीतता जाता है और कोई परिणाम हाथ नहीं आता तो क्यों ना हम इन छोटे छोटे टिप्स को आजमा कर देखे....

मुख्य द्वार – घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण है. घर से निकलना, वापस आना इत्यादि दिन के कार्य मनुष्य के जीवन में उर्जा के भंडार होते है. ये सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकते है. मान लीजिए आपका प्रवेश द्वार दक्षिण-पूर्व का पूर्व या दक्षिण-पश्चिम का दक्षिण है. यह स्थिति शुभ नहीं है.. फिर क्या करे? मुख्य द्वार से ३ फिट दूर ६ फिट ऊँची लकड़ी की एक स्क्रीन इस् तरह लगाये की प्रवेश करते समय आप दाई तरफ घुमे व् घर में उत्तर पूर्व या दक्षिण पूर्व के दक्षिण से प्रवेश करे.

रसोई घर – घर में रसोई घर जिस भी कमरे है यह व्यवस्था करे की कमरे के दक्षिण पूर्व में चूल्हा व् सिलिंडर हो. खाना बनाने वाला पूर्व की ओर मुख करके खाना बनाये. पूर्वी दीवार के कोने पर एक दर्पण लगा ले.

जल – पानी रखने का पात्र आदि उत्तर, उत्तर-पूर्व में रखे. ईशान कोण साफ़ सुथरा रहे. इस् बात का ध्यान रखे की अग्नि व् जल बहुत नजदीक न हो.

शौचालय – शौचालय का सही स्थान पर होना आवश्यक है. यह ‘वायव्य’ में हो तो सर्वोत्तम है. पूर्व व् उत्तर में नहीं होना चाहिए. यदि आपका शौचालय ऐसा स्थित हो तो इस् दिशा में उत्तरी या पूर्व दीवार पर एक दर्पण लगाये.

बच्चों का कमरा – बच्चों को पूर्व या पश्चिम के कमरे दिए जा सकते है. बच्चे उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके पढाई करे. उनके कमरे में अनावश्यक चीजे न राखी जाए. इस् कमरे का उत्तर-पश्चिम (वायव्य) खाली रखा जाए. ज्ञान क्षेत्र (उत्तर-पूर्व) में दर्पण लगाकर सक्रीय कर दे. बच्चे इस् तरह सोये की प्रातः उठने पर उन्हें सर्वप्रथम उर्जा क्षेत्र (उत्तर या पूर्व) देखने को मिले.

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